ये जिंदगी
तुम बिन अधूरी रह जाएगी...
क्या किस्मत भी पाई है मैने,
ये चाहत क्यूँ अपनाई है मैनै,
न तू मेरा है न मेरा हो सकता है,
फिर भी ये आस क्यूँ लगाई है मैने।
तू मुझे दिखता हर जगह
क्यूँ है,
मुझमें कुछ इतना अहजह
क्यूँ है,
मैं क्या करूँ कैसे खत्म
हो,
जो इन्तजार इतना बेवजह
क्यूँ है।
लोग मुझे अपने दिल की बात बताते हैं,
खुशी के पल गम के जज्बात बताते हैं,
मैं बस सुनता हूँ पर समझता तब हूँ,
जब वो अपनी जुदाई की रात बताते हैं।
मैं क्या किसी के दिल को समझूँ, मेरी तो खुद के दिल से दूरी रह जाएगी,
ये जिंदगी तुझ बिन अधूरी रह जाएगी...
ये जिंदगी तुझ बिन अधूरी रह जाएगी...
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